यशवंत सिन्हा होंगे राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों के उम्मीदवार

दिल्ली व्यूरो
दिल्ली : यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के आम उम्मीदवार बनाए गए हैं। इस बात की घोषण मंगलवार (21 जून) को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने की है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, ”हम विपक्षी दलों ने सर्वसम्मति से फैसला किया है कि यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के आम उम्मीदवार होंगे।” यशवंत सिन्हा फिलहाल तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता हैं। इससे पहले वह भाजपा में थे। लेकिन फिलहाल वो बीजेपी के धुर विरोधी हैं। हालांकि यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा भाजपा नेता और हजारीबाग से भाजपा सांसद हैं। पहले हजारीबाग लोकसभा सीट से यशवंत सिन्हा सांसद हुआ करते थे। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा का राजनीतिक सफर दिलचस्प रहा है। आइए जानें भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से राजनीति में कैसे हुई उनकी एंट्री…? कौन हैं यशवंत सिन्हा यशवंत सिन्हा एक भारतीय राजनेता हैं। फिलहाल वह तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता हैं। यशवंत सिन्हा भारत के पूर्व वित्त मंत्री भी रह चुके हैं। इसके अलावा वह अटल बिहारी वाजपेयी मंत्रिमंडल में विदेश मंत्री भी रह चुके हैं। यशवंत सिन्हा भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में 1960 में शामिल हुए और अपने 24 साल के कार्यकाल के दौरान कई पदों पर रहे। पटना में जन्मे और वहीं की पढ़ाई पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा का जन्म 6 नवंबर 1937 को बिहार के पटना के एक चित्रगुप्तवंशी कायस्थ परिवार में हुआ था। यशवंत सिन्हा ने पटना में स्कूल और विश्वविद्यालय में पढ़ाई की। 1958 में, उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में परास्नातक पूरा किया है। यशवंत सिन्हा 1958 से 1960 के दौरान अपने अल्मा मेटर में राजनीति विज्ञान पढ़ाया था। IAS रहते हुए यशवंत सिन्हा ने कहां-कंहा किया काम? 1960 में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में शामिल होने के बाद 24 साल के कार्यकाल के दौरान यशवंत सिन्हा कई पदों पर रहें। उन्होंने चार साल तक उप-मंडल मजिस्ट्रेट और जिला मजिस्ट्रेट के रूप में कार्य किया, जिस दौरान दो साल तक बिहार सरकार के वित्त विभाग में अवर सचिव और उप सचिव थे। इसके बाद उन्होंने वाणिज्य मंत्रालय में भारत सरकार के उप सचिव के रूप में काम किया। 1971 से 1973 तक यशवंत सिन्हा जर्मनी में भारतीय दूतावास में प्रथम सचिव (वाणिज्यिक) थे। इसके बाद वह 1973-1974 के दौरान फ्रैंकफर्ट में भारत के महावाणिज्य दूत के रूप में काम किया। 1974 में राजनीति में हुई यशवंत सिन्हा की एंट्री सत्तर के दशक के मध्य में जयप्रकाश नारायण के समाजवादी आंदोलन से प्रभावित होकर यशवंत सिन्हा 1974 में राजनीति में शामिल हुए। लेकिन इसके बाद भी वह 10 सालों तक वित्तीय अक्षमता और नौकरशाही विवेक की वजह से वह सिविल सेवा में रहें। उन्होंने 1984 में भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा दे दिया और जनता पार्टी के सदस्य के रूप में सक्रिय राजनीति में शामिल हो गए। 1996 में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाए गए यशवंत सिन्हा यशवंत सिन्हा को 1986 में उन्हें पार्टी का अखिल भारतीय महासचिव नियुक्त किया गया और 1988 में राज्यसभा के सदस्य चुने गए। 1989 में जब जनता दल का गठन हुआ, तो उन्हें इसका महासचिव नियुक्त किया गया।

उन्होंने नवंबर 1990 से जून 1991 तक चंद्रशेखर के मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री के रूप में काम किया। यशवंत सिन्हा जून 1996 में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बने और मार्च 1998 में उन्हें भारत का वित्त मंत्री नियुक्त किया गया। वह लोकसभा में बिहार के हजारीबाग का प्रतिनिधित्व करते हैं। जानिए यशवंत सिन्हा के परिवार के बारे में? यशवंत सिन्हा की शादी नीलिमा से हुई है और उनके दो बेटे और एक बेटी है। यशवंत सिन्हा के एक बेटे का नाम जयंत सिन्हा (हजारीबाग सांसद) है और दूसरे बेटे का नाम सुमंत सिन्हा है। जो कि एक बिजनेसमैन हैं। यशवंत सिन्हा को पढ़ने और बागवानी के अलावा बिजनेस में भी रुची है। यशवंत सिन्हा व्यापक रूप से देश-दुनिया में घूमे हुए हैं कई राजनीतिक और सामाजिक प्रतिनिधिमंडलों की अगुवाई कर चुके हैं।

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